Couplets
प्रकृति और औरत के बीच बस इतना सम्बन्ध है कि वो दोनों एक ही हैं। उनका जीवन, संघर्ष, पहचान एक ही है।
रात भर समेटते रहे सिलवटें,
की कल वो आयंगे सेज सजायँगे।
न सिलवटें सम्भली, न वो आये
बस रह गए हम हमारे घूंघट की सिलवटों को संवारते।
रात हुई है, अंत नही।
किरणें फिर आएंगी, फैली हुई स्याही को रौशन करने।
अच्छा है और गहन।
ReplyDeleteशुक्रिया।
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